12th Hindi Literature Solutions
12th Hindi Literature Solutions
कक्षा 12 हिंदी साहित्य प्रश्न बैंक |
12th Hindi sahitya ka syllabus
12th Hindi sahitya Important Question answer
पाठ- 1 लघु कथाएं (असगर वजाहत)
अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न -
प्रश्न 1. लघुकथा ‘शेर’ में शेर किसका प्रतीक है ?
उत्तर - शेर एक ऐसी व्यवस्था का प्रतीक है जो प्रलोभन एवं हिंसा के बल पर पूरे जंगल समाज में व्याप्त है।
प्रश्न 2. लघुकथा ‘शेर’ में शेर को किसका समर्थक बताया है ?
उत्तर - शेर अहिंसा और सह - अस्तित्ववाद का समर्थक है।
प्रश्न 3. ‘साझा’ कहानी का प्रतीकार्थ क्या है ?
उत्तर - पूँजीपतियों की नजर उद्योगों पर एकाधिकार करने के बाद किसानों की जमीन पर है। यह साझा कहानी का प्रतीकार्थ है।
प्रश्न 4. मिल मालिक ने दोगुना उत्पादन करने के लिए क्या किया ?
उत्तर - मिल मालिक ने दोगुना उत्पादन करने के लिए मजदूरी आधी कर दी और दोगुने मजदूर रख लिए।
प्रश्न 5. गधे ने शेर के मुँह में जाने का क्या कारण बताया ?
उत्तर - गधे ने बताया कि शेर के मुँह में घास का मैदान है और वहाँ मुझे घास मिलती रहेगी।
प्रश्न 6. असगर वजाहत के दो नाटकों के नाम लिखिए ?
उत्तर - असगर वजाहत के दो नाटकों के नाम - ‘इन्ना की आवाज’ और ‘फिरंगी लौट आए’।
प्रश्न 7. अन्तरा पाठ्य.पुस्तक में संकलित असगर वजाहत की लघुकथाओं के नाम लिखिए ?
उत्तर - शेर, पहचान, चार हाथ और साझा
प्रश्न 8. हाथी ने किसान को क्या विश्वास दिलाया ?
उत्तर -हाथी ने किसान को छोटे जानवरों से खेती की रक्षा का विश्वास दिलाया।
प्रश्न 9. ‘पहचान’ कथा में राजा की सफलता का राज क्या है ?
उत्तर - यही कि अंधी, बहरी व गुंगी प्रजा एकजुट न हो पाए तथा प्रलोभन के आधार पर भुलावे में रहे।
प्रश्न 10. ‘चार हाथ’ कथा किस व्यवस्था को उजागर करती है ?
उत्तर - चार हाथ कथा पूँजीवादी व्यवस्था में मजदूरों के शोषण को उजागर करती है।
लघूत्तरात्मक प्रश्न -
प्रश्न 11. ‘शेर’ लघु कथा में निहित व्यंग्य को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर - शेर लघु कथा में लेखक ने शासन व्यवस्था पर व्यंग्य किया है। शेर व्यवस्था का प्रतीक है जिसके पेट में
जंगल के सभी जानवर किसी प्रलोभन या लोभ.लालच के वशीभूत होकर समाते जा रहे है। शेर का प्रचारतंत्र मजबूत है। वह ऊपर से अहिंसावादी, न्यायप्रिय होने का ढोंग करता है किन्तु वास्तव में वह हिंसक एवं अन्यायी है। शासनतंत्र तब तक खामोश रहता है जब तक उसकी आज्ञा का पालन एवं स्वार्थ की पूर्ति होती रहे। जब लेखक शेर के मुँह में न जाने का संकल्प करता
है तभी शेर दहाड़ने लगता है। इसके द्वारा लेखक यह व्यक्त करता है कि सत्ता तभी तक चुप रहती है जब तक कोई उसकी व्यवस्था पर उँगली न उठाए किन्तु जब कोई उसकी आज्ञा मानने से इन्कार करता है तब वह भयानक रुप धारण कर विरोधी स्वरों को कुचलने का भरपूर प्रयास करती है।
प्रश्न 12. ‘साझा’ लघुकथा में लेखक ने किसानों की बदहाल स्थिति पर प्रकाश डाला है, स्पष्ट कीजिए।
उत्तर - लेखक ने साझा लघुकथा के माध्यम से आजादी के बाद के किसानों की बदहाली एवं उसके कारणों पर प्रकाश डाला है। आजादी के बाद से ही उद्योगों पर कब्जा जमाने के पश्चात् पूँजीपतियों की नजर किसानों की जमीन एवं उन पर होने वाले उत्पादों पर जमी थी। प्रभुत्वशाली वर्ग अपनी कूटनीति द्वारा किसान को साझा खेती करने का झाँसा देता है। जिसमें मेहनत और लाभ साझा होने की बात करता है लेकिन जब लाभ लेने का अवसर आता है तब यह धनाढ्य वर्ग पूरी फसल हड़प लेता है। साझा कथा में हाथी उन्हीं प्रभुत्वशाली पूँजीपतियों का प्रतीक है जो साझा नीति पर अमल करते हुए सारी फसल खुद निगल जाता है और किसान अपनी बेबसी व लाचारी पर आसूँ बहाता है।
प्रश्न 13. लेखक जंगल में क्यों गया और वहाँ जाकर उसनेे क्या देखा ?
उत्तर - लेखक कहता है कि अचानक उसके सींग निकल आए, वह डर गया कि कसाई उसे जानवर समझकर काट डालेंगे। अतः वह उनसे डरकर जंगल की ओर भागा। जंगल में उसे एक पेड़ के नीचे शेर बैठा दिखाई दिया जिसका मुख खुला हुआ था। लेखक शेर से डरकर झाड़ियों की ओट में छिपकर बैठ गया। उसने वहाँ से देखा कि जंगल के जानवर पंक्तिबद्ध होकर शेर के मुख में चले जा रहे हैं और शेर उन्हें चबाए बिना ही निगलता जा रहा है। इन जानवरों में लोमड़ी, कुत्ते, गधे, उल्लू सब थे। जब उसने इन जानवरों से यह पूंछा कि आप लोग शेर के मुख में क्यों जा रहे हैं तो किसी ने उसे बताया कि शेर के मुख में हरी घास का मैदान है, किसी ने कहा वहाँ स्वर्ग है तो किसी ने उत्तर दिया कि वहाँ रोजगार का दफ्तर है। इस प्रकार लोभ-लालच और प्रलोभन में फँसकर जंगल के जानवर शेर के पेट में समाते जा रहे थे।
प्रश्न 14. ‘चार हाथ’ लघुकथा में व्याप्त मजदूरों के प्रति हो रहे शोषण को अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर - चार हाथ लघुकथा वर्तमान में पनप रहे मशीनी युग का जीता.जागता उदारहण है। चार हाथ कथा पूँजीवादी व्यवस्था में चल रहे मजदूरों के शोषण को उजागर करती है। मिल मालिकों का लालच, मजदूरों के शोषण का प्रमुख कारण है। मिल मालिक मजदूरों की स्थिति एवं हालातों का फायदा उठाकर एक के बदले में दो व्यक्तियों जितना कार्य ले लेते हैं। वे हर सम्भव प्रयास करते हैं कि मजदूर लाचारी और बेबसी में इतना दब जाये कि विरोध की स्थिति में न रहे और मिल मालिक के इशारों पर दुगुना उत्पादन कर दें। लेखक ने चार हाथ में मिल मालिक की इसी प्रवृति पर कटाक्ष किया है जो और ज्यादा उत्पादन के लालच में मजदूरों के दो अधिक हाथ लगवाना चाहता है। इस कार्य में सफल न हाने पर शोषण का दूसरा रास्ता खोज लेता है कि मजदूरी आधी करके दुगुने मजदूर ख लिये जाए।
प्रश्न 15. ‘पहचान’ लघुकथा में निहित व्यंग्य को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर - पहचान शीर्षक लघुकथा में निम्नलिखित व्यंग्य निहित हैं -
हर राजा गूँगी, बहरी और अंधी प्रजा पसंद करता है।
हर राजा चाहता है कि उसकी प्रजा बेजुबान हो और उसके खिलाफ आवाज न उठाये।
प्रजाजनों के एकजुट होने से राजा को हानि होने की संभावना है इसलिये वह उन्हें एकजुट नहीं होने देता।
राजा प्रजाजनों को यह झांसा देता है कि उसकी हर आज्ञा राज्य के हित में है और राज्य को स्वर्ग बनाने के लिये है।
छद्म प्रगति और विकास के बहाने धीरे.धीरे राजा उत्पादन के सभी साधनों पर अपनी पकड़ मजबूत कर लेता है।
राजा प्रजाजनों को यह झांसा देता है कि वह उनके जीवन को स्वर्ग जैसा बना देगा पर वास्तव में प्रजा का जीवन और भी खराब हो जाता है। हाँ, राजा अपना जीवन स्वर्ग जैसा अवश्य बना लेता है।
प्रश्न 16. खैराती, रामू और छिद्दू ने जब आंखें खोलीं तो उन्हें सामने राजा ही क्यों दिखाई दिया ?
उत्तर - खैराती, रामू और छिद्दू ने वर्षों तक आँखें बंद रखने के बाद जब आँखें खोली तो उन्हें अपने सामने सर्वत्र राजा ही दिखाई दिया। वे यह सोच रहे थे कि उनका राज्य अब तक स्वर्ग जैसा हो गया होगा किन्तु यह उनका भ्रम था। राजा ने अपनी स्थिति पहले से मजबूत कर ली थी और वही सर्वत्र व्याप्त था। यही नहीं वर्षों बाद आँखें खुलने पर वे तीनों एक.दूसरे को भी न देख सके। तीनों एक.दूसरे को भी न देख सके का आशय यह है कि उनको प्रजाहित का कोई काम दिखाई नहीं दिया सर्वत्र राजा का ही प्रभुत्व दिखाई दिया।
प्रश्न 17. ‘शेर’ लघुकथा में किस प्रवृति पर प्रहार किया गया है ?
उत्तर - ‘शेर’ लघुकथा में शेर व्यवस्था का प्रतीक है। शेर अंहिसावादी और न्यायप्रिय बनने का दिखावा करके चुप रहता है, और मुँह में प्रवेश करने वालों को निगल लेता है। शेर वस्तुतः सुविधाभोगियों, छद्मक्रांतिकारियों, अंहिसावादियों और सह अस्तित्ववादियों का भी प्रतीक है। प्रस्तुत लघुकथा में ऐसे लोगों की ढोंगी एवं स्वार्थी प्रवृति पर प्रहार किया गया है।
प्रश्न 18. ‘पहचान’ कथा आज के सत्ताधारियों पर कहाँ तक चरितार्थ होती है ?
उत्तर - पहचान कथा में राजा लोगों से आँखें बन्द रखने, कानों में पिघला हुआ सीसा डलवाने, होंठ सिलवाने को कहता है। आज के सत्ताधारी भी चाहते हैें कि जनता उनके कारनामे न जान पाए और अन्याय एवं शोषण का विरोध करने की स्थिति में ही न रहे। वे न देखे, न सुने और न ही विरोध कर सके।
प्रश्न 19. मिल मालिक के स्वभाव पर टिप्पणी करें।
उत्तर - मिल मालिक के दिमाग में अजीब.अजीब ख्याल आया करते है। जैसे सारा संसार मिल हो जाएगा और सभी लोग उसके नौकर हो जाएँ। वह लालची और निर्द यी किस्म का आदमी था। वह अपने मिल को सबसे बड़ा मिल और खुद को सबसे अमीर इंसान बनाना चाहता था। वह चाहता था कि काम खूब हो और उसके बदले मजदूरी कम देनी पड़े, ताकि उसका खूब मुनाफा हो सके। वह शोषण करने वाला व्यक्ति था।
प्रश्न 20. असगर वजाहत का साहित्यिक परिचय लिखिए।
उत्तर - श्री असगर वजाहत ने प्रारंभ में विभिन्न पत्र.पत्रिकाओं में लेखन कार्य किया, बाद में जामिया मिलिया विश्वविद्यालय में अध्यापन कार्य करने लगे। असगर वजाहत ने कहानी, उपन्यास एवं नाटक आदि लिखे तथा नुक्कड़ नाटकों को नयी भंगीमा प्रदान की। इन्होंने ‘गजल की कहानी’ वृत्तचित्र का निर्देशन किया है और ‘बूँद.बूँद’ धारावाहिक का लेखन भी किया है। इनकी भाषा में गाम्भीर्य, सशक्त भावाभिव्यक्ति एवं व्यंगयात्मकता है। असगर वजाहत द्वारा रचित कहानी संग्रहः- दिल्ली पहुँचना है, आधी बानी, मैं हिन्दू हूँ आदि प्रमुख नाटकः- वीरगति, समिधन, इन्ना की आवाज आदि प्रमुख उपन्यासः- रात के जागने वाले, कैसी आगि लगाई आदि। इन्होंने फ़िल्मों एवं धारावाहिकों के लिए पटकथाएँ भी लिखी है।
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