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Deciphering Srimad Bhagwat Geeta

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श्रीमद्भगवदगीता  के गूढ़ रहस्य

पूर्ण परमात्मा कौन है इसके बारे में भिन्न-भिन्न मत प्रचलित है कोई राम को पूर्ण परमात्मा बताता है, तो कोई कृष्ण को है, तो कोई अल्लाह को, तो कोई गॉड को। आज हम जानेंगे पवित्र गीता जी के अनुसार वह पूर्ण परमात्मा कौन है जिसके बारे में गीता ज्ञान दाता भी कहता है कि वह अविनाशी है और मैं भी उसकी  शरण हूं।
shrimad bhagwat geeta
shrimad bhagwat geeta

○गीता अध्याय 15 श्लोक 17

 में कहा है कि वास्तव में अविनाशी परमात्मा तो इन दोनों (क्षर पुरूष तथा अक्षर पुरूष) से दूसरा ही है वही तीनों लोकों में प्रवेश करके सर्व का धारण पोषण करता है वही वास्तव में परमात्मा कहा जाता है।
○गीता अध्याय 3 श्लोक 14 से 15 में भी स्पष्ट है कि ब्रह्म काल की उत्पति परम अक्षर पुरूष से हुई वही परम अक्षर ब्रह्म ही यज्ञों में पूज्य है।
भगवत गीता का ज्ञान
भगवत गीता का ज्ञान

○गीता अध्याय 8 श्लोक 5 तथा 7 में अपनी भक्ति करने को कहा है तथा युद्ध भी कर, निःसंदेह मुझे प्राप्त होगा, परंतु जन्म-मृत्यु दोनों की बनी रहेगी।
○अध्याय 8 के श्लोक 13 में बताया है कि मुझ ब्रह्म की भक्ति का केवल एक ओम अक्षर है। इस नाम का जाप अंतिम श्वांस तक करने वाले को इससे मिलने वाली गति यानि ब्रह्मलोक प्राप्त होता है।

○गीता अध्याय 8 श्लोक 17

अक्षर पुरूष यानि परब्रह्म का जो एक दिन है उसको एक हजार युग की अवधि वाला और रात्रि को भी एक हजार युग तक की अवधि वाली तत्व से जानते हैं वे तत्वदर्शी संत परब्रह्म के दिन-रात्रि के तत्व को जानने वाले हैं।
geeta ka gyan
geeta ka gyan

○गीता अध्याय 8 श्लोक 20 से 22 में किसी अन्य पूर्ण परमात्मा के विषय में कहा है जो वास्तव में अविनाशी है।
○गीता जी के अध्याय 18 के श्लोक 64 तथा अध्याय 15 के श्लोक 4 में स्पष्ट है कि स्वयं काल ब्रह्म कह रहा है कि हे अर्जुन! मेरा उपास्य देव (इष्ट) भी वही परमात्मा (पूर्ण ब्रह्म) ही है तथा मैं भी उसी की शरण हूँ तथा वही सनातन स्थान (सतलोक) ही मेरा परम धाम है। क्योंकि ब्रह्म भी वहीं (सतलोक) से निष्कासित है।
satlok
satlok

○गीता जी के अध्याय 18 के श्लोक 66 में गीता ज्ञान दाता ने अपने से अन्य परम अक्षर ब्रह्म की शरण में जाने को कहा है।
○पवित्र गीता जी इन सभी श्लोकों से सिद्ध हुआ कि वह परम अक्षर ब्रह्म कोई और है और वही अविनाशी परमात्मा कहा जाता है जिसकी जानकारी गीता ज्ञान दाता नहीं रखता । वह तो तत्वदर्शी संत बताएगा। वर्तमान समय में तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज।
    अधिक जानकारी के लिए देखें साधना टीवी रोज रात्रि       7:30 बजे से।

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