google-site-verification=INyWX4YITZAOUjfNBAJ8XpugnZwFjHbMwSrLWY3v6kk इन्द्र का राज(What is the reign of Indra?) - KABIR CLASSES 58 -->
इन्द्र का राज(What is the reign of Indra?)

इन्द्र का राज(What is the reign of Indra?)

नमस्कार मित्रों मैं हूं अशोक कुमार 
 आपका मेरे ब्लॉक कबीर क्लासेस 58 में स्वागत है आज हम कुछ आध्यात्मिक प्रश्नों के उत्तर डिस्कस करेंगे।
प्र:- इन्द्र की पदवी कैसे प्राप्त होती है?
उत्तर :- अधिक तप करने से तथा सौ मन (4 हजार कि.ग्रा.) गाय या भैंस
के घी का प्रयोग करके धर्मयज्ञ करने से एक धर्मयज्ञ सम्पन्न होती है। ऐसी-ऐसी
सौ धर्मयज्ञ निर्विघ्न करने से इन्द्र की पदवी साधक प्राप्त करता है। तप या यज्ञ
के दौरान यज्ञ या तप की मर्यादा भंग हो जाती है तो नए सिरे से यज्ञ तथा तप
करना पड़ता है। इस प्रकार इन्द्र की पदवी प्राप्त होती है।
प्रश्न :- इन्द्र का शासन काल कितना है? मृत्यु उपरांत इन्द्र के पद को
छोड़कर प्राणी किस योनि को प्राप्त करता है?
उत्तर :- इन्द्र स्वर्ग के राजा के पद पर 72 चौकड़ी अर्थात् 72 चतुर्युग तक
बना रहता है। एक चतुर्युग में सत्ययुग+त्रोतायुग+द्वापरयुग तथा कलयुग का समय
होता है। जो 1728000़+1296000़+864000़+432000 क्रमशः सत्ययुग + त्रोतायुग +
द्वापरयुग + कलयुग का समय अर्थात् 43 लाख 20 हजार वर्ष का समय एक चतुर्युग
में होता है। ऐसे बने 72 चतुर्युग तक वह साधक इन्द्र के पद पर स्वर्ग के राजा
का सुख भोगता है। एक कल्प अर्थात् ब्रह्मा जी के एक दिन में (जो एक हजार
आठ (1008) चतुर्युग का होता है) 14 जीव इन्द्र के पद पर रहकर अपना किया
पुण्य-कर्म भोगते हैं। इन्द्र के पद को भोगकर वे प्राणी गधे का जीवन प्राप्त करते हैं।
इस तरीके की भक्ति हीन साधना करके हम सभी अपना जीवन व्यर्थ कर रहे हैं अतः सद्भक्ति ग्रहण करके अपना जीवन सफल करें ।
अधिक जानकारी के लिए देखिए साधना टीवी रोज रात की 7:30 से 8:30 बजे तक।

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